श्रीमोई चटर्जी,
बेंगलुरु
26 साल के आर. रागेश 1 फरवरी को उस वक्त भीषण हादसे के शिकार हो गए, जब वह दफ्तर से घर बाइक से लौट रहे थे। एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी बाइक को जबरदस्त टक्कर मारी दी। हादसे की वजह से उनके चेहरे और सिर में गंभीर चोटें आईं। यह हादसा बेल्लारी रोड के पास हुआ। उनकी खोपड़ी (स्कल) लगभग चूर-चूर हो गई थी। जबड़ा भी टूट गया था। रागेश के बचने की गुंजाइश न के बराबर थी। इन सबके बावजूद 3 हफ्ते बाद रागेश पूरी तरह ठीक हैं। यहां तक कि उनके चेहरे अब एक दाग तक नहीं है। रागेश का ऑपरेशन करीब 12 घंटे तक चला था।
शहर के सीएमआई हॉस्पिटल की न्यूरो और क्रेनॉलजी के डॉक्टरों की एक टीम ने 2 फरवरी को रागेश का ऑपरेशन किया। रागेश की स्कल की अंदरुनी भागों को ठीक किया गया। ऑपरेशन के 18 दिन बाद रागेश को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
रागेश को अचेतावस्था में सीएमआई हॉस्पिटल लाया गया था। न्यूरो सर्जन डॉ. रवि गोपाल वर्मा ने बताया, ‘खोपड़ी 5-20 हिस्सों में बंटी हुई थी। ब्रेन को नुकसान नहीं पहुंचे इसका भी हमें ख्याल रखना था। हमने 2 फरवरी की सुबह 9 बजे से ऑपरेशन शुरू किया, जो कि रात करीब 9 बजे खत्म हुआ। हमने टूटी हुई खोपड़ी के भागों को आपस में जोड़ा। नाक की टूटी हुई हड्डियों को भी जोड़ा। सभी काम सावधानीपूर्वक किए गए।‘
रागेश के पिता एम. राधाकृष्णन ने बताया, ‘मेरे बेटे को बहुत ही गंभीर स्थिति में सीएमआई हॉस्पिटल लाया गया था। बेटे का निचला जबड़ा 3 हिस्सों में और ऊपर का जबरा 2 हिस्सों में टूट गया था। फोरहेड चूर-चूर हो गया था।‘
रागेश को अस्पताल से छुट्टी ऑपरेशन के 18 दिन बाद मिल गई है। वह बहुत जल्द ही सामान्य जीवन जीने लगेंगे। उन्हें ऑपरेशन के बाद 7 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया था।
26 साल के आर. रागेश 1 फरवरी को उस वक्त भीषण हादसे के शिकार हो गए, जब वह दफ्तर से घर बाइक से लौट रहे थे। एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी बाइक को जबरदस्त टक्कर मारी दी। हादसे की वजह से उनके चेहरे और सिर में गंभीर चोटें आईं। यह हादसा बेल्लारी रोड के पास हुआ। उनकी खोपड़ी (स्कल) लगभग चूर-चूर हो गई थी। जबड़ा भी टूट गया था। रागेश के बचने की गुंजाइश न के बराबर थी। इन सबके बावजूद 3 हफ्ते बाद रागेश पूरी तरह ठीक हैं। यहां तक कि उनके चेहरे अब एक दाग तक नहीं है। रागेश का ऑपरेशन करीब 12 घंटे तक चला था।
शहर के सीएमआई हॉस्पिटल की न्यूरो और क्रेनॉलजी के डॉक्टरों की एक टीम ने 2 फरवरी को रागेश का ऑपरेशन किया। रागेश की स्कल की अंदरुनी भागों को ठीक किया गया। ऑपरेशन के 18 दिन बाद रागेश को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
रागेश को अचेतावस्था में सीएमआई हॉस्पिटल लाया गया था। न्यूरो सर्जन डॉ. रवि गोपाल वर्मा ने बताया, ‘खोपड़ी 5-20 हिस्सों में बंटी हुई थी। ब्रेन को नुकसान नहीं पहुंचे इसका भी हमें ख्याल रखना था। हमने 2 फरवरी की सुबह 9 बजे से ऑपरेशन शुरू किया, जो कि रात करीब 9 बजे खत्म हुआ। हमने टूटी हुई खोपड़ी के भागों को आपस में जोड़ा। नाक की टूटी हुई हड्डियों को भी जोड़ा। सभी काम सावधानीपूर्वक किए गए।‘
रागेश के पिता एम. राधाकृष्णन ने बताया, ‘मेरे बेटे को बहुत ही गंभीर स्थिति में सीएमआई हॉस्पिटल लाया गया था। बेटे का निचला जबड़ा 3 हिस्सों में और ऊपर का जबरा 2 हिस्सों में टूट गया था। फोरहेड चूर-चूर हो गया था।‘
रागेश को अस्पताल से छुट्टी ऑपरेशन के 18 दिन बाद मिल गई है। वह बहुत जल्द ही सामान्य जीवन जीने लगेंगे। उन्हें ऑपरेशन के बाद 7 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया था।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।